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वक्त के हाथ में खंजर है

sach mano to
sach mano to
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अगर
मैं लौट कर नहीं आ सका
मेरे सपनों को मेरे साथ ही दफना देना
मेरे तकिये के नीचे
मेरे वजूद के छोटे-छोटे टुकड़े मिलेंगे
उन्हें
गंगा में बहा देना ।
आइने में मेरा वो पुराना चेहरा दबा होगा
उसे उतार लेना।
सामने वाले दुकान पर एक बूढ़ा बाबा बैठता है
उसका कुछ पैसा बकाया है
उसे लौटा देना
मेरे नाम से कहीं अगर
कोई चिट्टी आयी हो
उसे मेरे सिनें पर चिपका देना
अगर
मैं लौट कर नहीं आ सका
दूध वाले,सब्जी वाले
अखबार वाले और धोबी को
कल से आने को मना कर देना
अगर
मैं लौट कर नहीं आ सका
मेरे लिये आंसू मत बहाना
बेडरूम के कोने में पड़े डस्टवीन में
जो आंसुओं के बंूद हैं
उसे मेरे नाम बूढऩद में बहा देना
अगर
मैं लौट कर नहीं आ सका
कीचन में रखे खानों को कौओं व कुत्तों में बांट देना
अगर
मैं लौट कर नहीं आ सका …।

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