Menu
blogid : 4435 postid : 221

दोस्ताना-2 में हिना रब्बानी

sach mano to
sach mano to
  • 119 Posts
  • 1950 Comments

ठीक कारगिल की शहादत के मौके पर पाकिस्तान की नयी विदेश मंत्री हिना रब्बानी भारत पहुंची हैं। यह टीस बढ़ाने सरीखी ही है कि जिनकी शहादत पर हम इन बारह वर्षों में बारह बार भी शायद ही बामुश्किल आंसू बहाए हों उनकी शहादत के मौके पर हिना देश में उतरती हैं। हवाई अड्डे पर उनका स्वागत होता है। वह एक खूबसूरत अदाकारा के मानिंद चश्मा लगाए, लटों को संभालती, हाथ हिलाती, फिर उसी पुराने ढर्रे पर विदेश मंत्री के स्तर पर वार्ता करेंगी। वह भी इस बीच जब मुंबई, हैदराबाद, दिल्ली एयरपोर्ट पर आतंकी हमले की संभावना को देखते हाई अलर्ट किया गया है। पहले भी आगरा में मुशर्रफ वार्ता कर चुके हैं। पाक के वर्तमान प्रधानमंत्री भारत-पाक के बीच विश्व कप के मैच का गवाह बन चुके हैं। ठीक ऐन कारगिल युद्ध में मारे गए शहीदों को याद करने के बदले हम हिना की खूबसूरती का राज जानने यहां बुला लिया है यह भारत के लोग ही बर्दाश्त कर सकते हैं। वैसे भी यहां के लोगों को खूबसूरती से बहुत ही हमदर्दी, लगाव है। श्रीलंका की अदाकारा से हाल ही में लोग मर्डर करवा चुके हैं। अब जहां शहीदों की चिताओं पर मेला लगाने की बात हो रही हो तो उसमें एक हुस्न का जलवा बिखेरने किसी को तो बुलाना ही था। वैसे भी जब भारत पंद्रह अगस्त को स्वतंत्रता दिवस मनाता है। लाल किले पर झंडा फहराने की तैयारी होती है तो उससे पहले एक ब्रिटिश मेहमान को जरूर दर्शकदीर्घा में बैठे देखा जा सकता है। ठीक वही हाल है जब कारगिल में हम विजयी हुए, हमारा विश्व विजयी तिरंगा एकबार फिर सकुशल लहराया तो उसकी बरसी पर हम किसी विदेशी मेहमान को आमंत्रित न करें तो यह तो हमारे संस्कार, संस्कृति के विपरीत ही होगा। सो, परंपरा के अनुरूप हमने हिना को बुला लिया। उससे खूबसूरत फन, अदाकारा फिलहाल हमारे पास नहीं है जो दोनों देशों में फिर से एका करा दे। भारत-पाक में दोस्ती की गांठ पड़ जाए तो फिर हिना की बल्ले-बल्ले, तुरंत अपने महेश भट्ट मर्डर-3 में हुस्न की मल्लिका के रूप में हिना को परोसने का आफर दे दे। वैसे भी, हिना के पास जाली नोटों की भी कमी नहीं हैं। उनके देश में, पाकिस्तान में नकली गांधी खूब छप रहे हैं वह भी सरकारी प्रेस में। सरकारी प्रेस से एक साथ भारतीय व पाकिस्तानी नोट निकल रहे हैं। ऐसे में, भारतीय फिल्म निर्माताओं को दाउद व डी कंपनियों से पैसे भी लेने की जरूरत नहीं पड़ेगी। पाक सिक्योरिटी प्रेस में भारतीय करेंसी छापना और गांधी जी को नेपाल, बांग्लादेश और दुबई के रास्ते होते हुए इंडिया भेज कर आतंकी संगठनों को खरीदने वाले पाकिस्तान की इस दिलकश अदाकारा से मनमोहन सरकार क्या उगलवाना चाहती है। यही शायद कि पाकिस्तान में बेनजीर के जाने के बाद हिना बेशकीमती हथियार है जिसे वह शांति के रूप में इस्तेमाल करना चाहता है वह भी अपने सबसे करीबी दोस्त के खिलाफ। हिना पाक के लिए वही बनेगी जैसा बाबा रामदेव के लिए बालकृष्णन बने। बालकृष्णन फिलहाल कहां हैं। उनके गायब होने का सनहा दर्ज किया जा रहा है। पूरे देश में एक्सटेंशन की बात हो रही है। नोएडा भूमि एक्सटेंशन की बात फंसी है। धोनी फंसे हैं। उनका एक्सटेंशन होगा कि नहीं। फिलहाल कप्तानी में वे फेल हो रहे हैं। ना बल्ले से रन निकाल रहे हैं ना ही टीम में जोश दिख रहा है। उनपर एक मैच का प्रतिबंध लगने की भी संभावना बन गयी है। सचिन दूसरे से चौथे रेंक पर लुढक गए हैं। हरभजन टेस्ट रैकिंग में नंबर दस से बाहर हो गए। अब फिर वही होगा जो देवानंद ने सोचा था, इमरान खान के साथ एक फिल्म बनें और हिना को दोस्ताना स्टाइल में प्रियंका की जगह दोस्ताना-2 में दिखाया जाए तो हमारे शहीदों की आत्मा को शायद कुछ शांति मिले। वैसे भी अमेरिकी सेना में अब समलैंगिक सैनिकों की मौज होने वाली है। अमेरिका के सभी समलैंगिक सैनिक के रूप में बहाल किए जाएंगे। बराक ओबामा ने गे पर लगे प्रतिबंध को खत्म करने की मुहर लगा दी है। अब अगर पाकिस्तान को आवाज देने में परेशानी हो भी तो कोई बात नहीं। हमारी फिल्म इंड्रस्टी इतनी समृद्ध है कि कपड़े तो आराम से बिना आवाज किए ही उतरवा लेगी। वैसे पाकिस्तान मुंबई हमले के संदिग्धों की आवाज व नमूने अपने पास रखे, भारत को ना दे हम कुछ नहीं बोलेंगे। हिना की आवाज हम वैसे ही खोज लेंगे जैसे सांई बाबा के महंगे शौक हमने खोज निकाले। कीमती परफ्यूम लगाकर भक्तों को दर्शन देने वाले, 5000 घडिय़ों का शौक रखने वाले, विदेशी साबुन, शैंपू,नैपकीन का इस्तेमाल करने वाले सांई की तरह अमेरिका भी बेचारा मजबूर है पाकिस्तान के सामने। अब देश से हिलेरी गयी नहीं कि हिना आयी। बेचारा अमेरिका पाक का कुछ भी बिगाड़ नहीं पा रहा। ठीक वैसे ही जैसे स्वास्थ्य निदेशक प्रमुख के निर्देश पर सभी सिविल सर्जन अब यह पता लगाने में जुटे हैं कि बाबा रामदेव का करेले व लौकी का जूस पीकर कितने लोगों की अब तक मौत हुई है। वैज्ञानिक की मौत का जांच इंडियन काउंसिल आफ मेडिकल रिसर्च को सौंपा गया है। भई, मुरखों का जमाना है, क्या कीजिएगा। अब दलाई लामा ओबामा से क्या मिले, उन्हें चीनी नेताओं को मूर्ख कहना पड़ रहा है। खैर, हिना आई हैं पहली बार देश, तो हो जाइये आप भी तरोताजा करेले व लौकी का जूस पीकर।

Read Comments

    Post a comment

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *

    CAPTCHA
    Refresh