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चंडाल के पीछे रा.वन

sach mano to
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जय काली कलकत्ते वाली हमारे परम स्नेही, परम आदरणीय, समाज के अगुआ, भ्रष्टाचारियों के महाकाल, जनता के चरणदास, सत्ता से दूर, विवादों के पिटारा, जर्जर काया, इस उम्र में भी फुल स्पीड रखने वाले, तिरछी टोपीे, चश्माधारी, खद्दरधारी, अलौकिक, चमत्कारी मौनी बाबा का पार लगा दो। बेचारे एक कन्या के मोहजाल में फंस गए हैं। उस विषधारी कन्या ने ऐसा जादू डाला है कि बाबा ब्लॉग लिखने बैठ गए हैं। पहले प्रेम में पागल प्रेमिका की याद में प्रेमी खत में फूल भेजा करते थे। आजकल बाबा धमकी भेज रहे हैं। कहते हैं, निगेटिव कैंपेन के हथियार का फिर से इस्तेमाल करेंगे। अगर शीतकालीन सत्र में जनलोकपाल के साथ सात फेरे नहीं लेंगे तो किसी को चैन में नहीं बैठने देंगे। खुद बारात लेकर पूरे देश में बैंड बजाएंगे। वैसे, हर देश का किफायती दौरा कर चुकी उस बाला ने बढिय़ा काम तो यह किया कि बाबा का मौन व्रत तुड़वा दिया। अब चीन, जहां पुरुषों से दो कदम तेज ही महिलाएं चल रही हैं का अंदाजा तो बाबा को लगे कि कैसे कन्या ने किफायती यात्रा दर पर पूरे देश का चक्कर लगा आयी और सब माल बोरे में कर ली। इधर, परम स्नेही मौनी बाबा ब्लॉग पर कमेंट तलाश रहे हैं। पहले बारह कमेंट मिले थे कन्या को, अब अठारह और आ गए हैं। किस-किस को क्या जवाब दें बाबा। मौन व्रत में थे तो बारह कमेंट को डिलीट करने के काम पर केजरीवाल को लगाया। मगर सब बेकार गया। बाबा नाराज हो गए। कहा, तुम लोग जूता-चप्पल, लात खाने वाले ही ब्लॉगर रह जाओगे। बेकार में कुछ लिखते, बकते हो। घर बैठो। जैसे प्रशांत अपने कैबिन में पिटे, तुम लोग देश के सामने मेरी टोपी उतरवा दोगे। वैसे ही सरकार हमें चैन में रहने नहीं दे रही। बात-बात पर लपेट रही है। कांग्रेसी, भाजपाई हमें देखना नहीं चाहते और तुम लोग फालतू टॉपिक पर कमेंट ले रहे हो। कन्या ने भरोसा दिलाया, बाबा अब आगे की यात्रा शर्तों पर करेंगे। ब्लॉग लिखने से पहले विषय-वस्तु पर आपसे डिस्कस कर लेंगे। पहले स्लैट पर लिखेंगे फिर पैंसिल से कागज पर उतारेंगे फिर कलम से आप उसे संपादित कर देना, तब जाकर किसी विशेषज्ञ से कंपोज कराएंगे। आपसे करेक्शन करवाए बिना हम कुछ भी न्यू पोस्ट में नहीं डालेंगे। हमारी पहली पारी तो देखो, वीरता पुरस्कार से नवाजी हूं। ऐसे में ब्लॉग पर ज्यादा चर्चित, ज्यादा पठनीय, अधिक मूर्धित तो मैं पहले से ही हूं। 75 फीसदी कामेंट तो पहले ही बंटोर लेती थी लेकिन 25 फीसदी भी दूसरे ब्लॉगर को कमेंट क्यों जाए, इस खेल ने सत्यानाश कर दिया। बाबा, गलती हो गयी। मैंने खोल लिया था एक फर्जी इमेल नंबर। उसी के नाम पर कमेंट भेजने लगी और बन गयी ब्लॉगर आफ द वीक। बाद में इमेल नंबर पर कमेंट भेजने वाला हमारा सबसे वफादार संस्था का मुख्य सरगना का हमसे मोह भंग हो गया। हमसे पल्लू झाड़ लिया। बस, इसी में फंस गयी मौनी बाबा एंड कंपनी लेकिन अब देखना, हम पूरे देश में अनशन करेंगे। उसमें कोई नहीं आएगा। सिर्फ हम, आप व केजरीवाल रहेंगे। इसी बीच, एक पार्टी के दिग्गज ब्लॉगर का कमेंट आ गया, भ्रष्टाचार का पैसा वापस कर दिए जाने से पाप के दाग नहीं धुल जाएंगे मैडम। इसका क्या जवाब बाबा देते सो दाग को चुन-चुन कर मारने के लिए रा.वन को बुला लाए। अब रा.वन चंडाल चौकड़ी से बाबा को बचाने हॉल आफ फेम ब्लॉगरों से संपर्क में हैं। गद्दाफी को अज्ञात स्थान पर दफना दिया, लादेन के शव का पता नहीं चला अब इन चंडालों का पता-ठिकाना लग जाए तो गनीमत है। रा.वन ने चीन से मदद मांगी है। वहां, पति अपनी पति को छोड़ किसी और नारी में अपनी खुशियां ढूंढऩे लगे हैं। रा.वन भी चाहता है कि मौनी बाबा की भी मनोवैज्ञानिक मदद की जाए। आखिर करिश्मा अपने पति से दूर रह ही रही है, फौजा सिंह को गिनीज बुक में झक मारकर जगह मिल ही गयी। दीपावली पर हर आम अपना आर्थिक विकास कर ही रहे हैं। उल्लू को अशुभ मानने वाले बंगाल से प्रेरणा लेकर लक्ष्मी मइया को पटाने में लगे ही हैं तो भला मौनी बाबा उन चार उल्लूओं से क्या पीछा नहीं छुड़ा सकते। अरे मुन्नी बदनाम हो सकती है, शीला जवान हो सकती है, टीम इंडिया सीरीज हारकर फिर से सीरीज पर कब्जा जमा सकती है तो भला आपकी बाला फर्जीवाड़ा क्यों नहीं कर सकती। बाबा, अब तो जाग जाइये मंदिर से बाहर निकलिए, देखिए आपका नशा अब रिक्शा चालकों, डिब्बा वालों पर नहीं है, बच्चों के नाम अब मौनी बाबा नहीं रखे जा रहे, इस देश में दीपावली पर जन्म लेने वाले बच्चों के नाम मां-बाप रा.वन रख रहे हैं। देखिए अभी जन्मा रा.वन आपसे कह रहा है ए बाबा, कैसा शर्माना, आजा नच के दिखा दे, मेरा हो जाए तू चल, बहुत हो लिया अब इंडिया एगेंस्ट करप्शन पर पर्दा गिरा दे।

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