Menu
blogid : 4435 postid : 338

जरा लगा तो निशाना

sach mano to
sach mano to
  • 119 Posts
  • 1950 Comments

मेरे जेल में सुरंग…ह..हा…। भाजपाइयों…राजनाथ…मुरली मनोहर…सब उधर जाओ। जेटली…सुषमा…इधर जाओ…और बाकी यशवंत…शत्रुघ्न…सीपी सब मेरे पीछे आओ…। मैं शुद्ध, खांटी भारतीय हिंदुवादी जेलर…और मेरे ही साबरमती जेल में सुरंग…। क्या सोचा था। भाजपा का यह सरदार बहुत खुश होगा…। शाबाशी देगा…हे…हे…हा…। जब गांव-गांव में बच्चा रोता है। मां कहती है, बेटा चुपचाप गुजराती नमक खा ले नहीं तो मोदी आ जाएगा। और ये हरामजादे, इंडियन मुजाहिदीन के आतंकवादी मेरा ही नाम पूरा मिट्टी में मिला दिया रे…। मेरे ही जेल में सुरंग। मोदी के जेल में सुरंग वो भी 18 फीट लंबी। कमीने… कुत्ते… मैं तेरा खून पी जाऊंगा…। मोदी को चुनौती…ह..हा… बहुत मजा आया। मंजूर है हमें…एक…एक को चून-चून के मारूंगा…। अरे ओ गडकरी, जरा बता तो इन पाकिस्तानी कनगोजरों को। मुझे अगला प्रमोशन कब, कैसे और क्या मिलने वाला है रे… हुजूर, माए-बाप…आप बस ब्रेक के बाद देश के अगला प्रधानमंत्री बनने ही वाले हैं। वो भी पूरे पांच साल के लिए सरकार। देखा…ह…हा…। मैं अगला पीएम। ला तो रे इसी बात पर गुजराती दूध जरा मलाई मार के। और पिला इन आइएम के ठेकेदारों, आतंकियों को। बहुत पसीना बहाया है सुरंग खोदने में…कितना दुबला गया है रे…पूरे एक महीने से सुरंग खोद रहा था वो भी मेरे जेल में। वो भी मेरे ही जय (एक सिविल) व वीरू (केमिकल इंजीनियर) के साथ और मुझे, इस सरकार को पता नहीं…ये सरासर नाइंसाफी है रे…पूरा नाइंसाफी। इसकी सजा मिलेगी। जरूर मिलेगी।
दृश्य दो : कितने आतंकी थे मुजाहिदीन के…सरदार सात…। वो भी खाली हाथ…और तुम क्या कर रहे थे रे ठाकुर (डीजी जेल, पीसी ठाकुर)…। अरे ओ प्रकाश जावड़ेकर जरा लगा तो निशाना इन आतंकियों पर…बता, मोदी से टकराने का नतीजा। अकेले भाजपा व संघ को नचनियां बनाकर पूरे बसंती स्टाइल में कुंभ में इंट्री दिलाया कौन? मोदी…। खुद कुंभ जाने का प्रोग्राम बनाकर दिल्ली श्रीराम सेंटर पहुंच गया कौन? मोदी…। युवाओं को भरमा आया कौन? बोलो…मोदी। भाजपाइयों को पसीने कौन छुड़वा रहा? मोदी…और तू सातों पाकिस्तानी…तेरी तो…राम नाम सत्य मैं करुंगा बोलो कौन? मोदी…ह..हा…। लेकिन सरकार हम सातों ने आपका नमक खाया है…गुजराती नमक सरदार… तो अब गोली खा…। लेकिन सरदार…इन पर रिवाल्वर की गोली असर नहीं करेगी। एक भाजपाई धीरे से फुसफुसाया हुजूर…पता है ये किस चक्की का आटा खाते हैं…शुद्ध हिंदुत्ववादी…कमल ब्रांड गुजराती मार्का…। अरे ओ..बैकेया…जरा लगा तो टमाटर और भिंडी का मसालेदार छोंका…सुना है दिल्ली वाले जयपुर अधिवेशन के बाद हिजड़ों की फौज बना रहे …ह…हा…सब मोदी के आगे…। हिल जाएगी दिल्ली रे…ह..हा..। देखा, कैसे नगरपालिका चुनाव के बहाने मुस्लिमों को 24 सीटों पर गद्दी दिला दिया रे…यही है मोदीत्व…उसका बढ़ता जनाधार…जिससे और कोई नहीं…जलता है कौन? धत्त…अपनी पार्टी के ही लोगन रे…।
दृश्य तीन : अरे ओ जरबड़ेकर…जरा लगा तो निशाना, भिड़ा तो कांटा फ्रांसीसी राष्ट्रपति ओलांद से…। सुना है, व्यापार बढ़ाने आ रहा है इंडिया…। अरे हमसे मिले बगैर चला जाएगा…। बता उसे, इस देश में सबसे बड़ा व्यापारी कौन? मोदी…ह..हा…। पूरा कारपोरेट जगत किसके साथ? मोदी…अंबानी किसका गुणगान किया बोलो? मोदी का…ह..हा..। फिर मोदी करेगा न ओलांद से दोस्ती…। आ रहे उन 60 फ्रांसीसी शीर्ष कंपनियों को पहले गुजरात की सैर कराओ…फिर मांगों मोर…हिंदू और हिंदुत्व की रक्षा के लिए बड़े लड़ाकू विमान…ह..हा..।
दृश्य चार : इतना सन्नाटा क्यों है भाई…। बसंती…बसंती नहीं सरदार…गोविंदाचार्य। सरदार वो गोविंदाचार्य आए थे आपको गृहमंत्री बनाने के लिए न्योता देने। आडवाणी जी पीएम बनने के लिए शपथ ग्रहण कर चुके हैं। बहुत नाइंसाफी है रे…ये अन्ना को मैं नहीं छोड़ूगां। जबसे नीतीश से मिलके बिहार से लौटे हैं…मेरा पीएम पद…कहते हैं, गुजरात में सशक्त लोकपाल बिल नहीं है। वहां भ्रष्टाचार है…अरे मेरे साथ धर्म संसद है रे…। संघ है…तोगडिय़ा..अशोक सिंघल…बताओ नेहरु की तरह लोकप्रिय कौन? मोदी…और फिर ये गृहमंत्री का ऑफर…जाओ जाकर नीतीश से बात करो। उन्हें समझाओ। लेकिन सरदार…नीतीश चचा तो कांग्रेस के साथ जा रहे हैं? कह रहे थे सुरमा भोपाली को…ये हाथ मुझे दे दे। एक हाथ से विशेष राज्य दे दूजे से समर्थन, समझौता, गठबंधन ले। और सरदार, बिहार में अगर कांग्रेस मजबूत हो गई…तो रामगढ़ यानी मंदिर का मुद्दा गब्बर की खैनी हो जाएगी सरदार। थू…थू.. हो जाएगी भाजपा की चुनावी अखाड़े में। सिंघल का 300 सीट…अकेले सबसे बड़ी पार्टी…भाजपा…कहीं गठबंधन के लायक भी न बचे सरदार। देख नहीं रहे। ये शिंदे एक के बाद एक बलि चढ़ा रहे हैं…कांग्रेसियों के दोनों हाथ न आपने काट लिए गुजरात में लेकिन शोले का ठाकुर याद है ना सरकार, तेरे लिए मेरे पैर ही काफी हैं गब्बर…। जैसे, बलात्कार के खिलाफ कांग्रेसियों ने कड़े कानून बना दिए। कहीं…युवराज पूरे रामगढ़ (देश) को एकजुट न कर ले…और फिर शोले में जय-वीरू ने गब्बर के सेना को जैसे धो डाला। बसंती को कुत्तों के सामने नाचने पर पाबंदी लगा दी कहीं नीतीश-राहुल की जोड़ी। मुझे तो डर लग रहा है सरदार। कहीं ये दोनों गा उठे-ये दोस्ती हम नहीं तोड़ेंगे, तो फिर भाजपा, संघ और आप खेलते ही रह जाएंगे कुश्ती। राममंदिर आप पहले भी दो बार बनवाने उग्र हुए थे जैसे भारत कुश्ती में मेडल जीतता आया है लेकिन नतीजा, अंतरराष्ट्रीय ओलम्पिक कमेटी ने खेलों से ही कुश्ती को बाहर कर दिया। अब कहीं 2014 के भारतीय ओलम्पिक से जनता इससे पहले कि हमें बाहर कर दे, कुछ कीजिए सरदार…। नहीं कुछ तो जाकर रहीम चचा से तो मिल लीजिए, नगरपालिका चुनाव में जीत के बहाने…।

Read Comments

    Post a comment

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *

    CAPTCHA
    Refresh